धर्मानुरागी बन्धुवर, सादर जय जिनेन्द्र!
हमारे पुण्योदय से परम पूज्य प्रात: स्मरणीय महाकवि संत शिरोमणि आचार्य गुरुदेव श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं उनके आज्ञानुवर्ती शिष्य श्रावक संस्कार शिविरों के जनक परम पूज्य तीर्थचक्रवर्ती जगतपूज्य निर्यापक श्रमण मुनिपुंगवश्री 108 सुधासागर जी महाराज का “सुधामय वर्षायोग 2024” महती धर्म प्रभावना के साथ धर्मनगरी सागर के भाग्योदय तीर्थ में स्थापित हुआ है।
भौतिकवादी संस्कार विहीन पाश्चात्य संस्कृति की ओर दौड़ने वाले युग को भारतीय प्राचीन धार्मिक संस्कृति से संस्कारित करने हेतु गुरुकुल परम्परा के आधार पर श्रावक संस्कार शिविर के प्रणेता (जनक) पूज्य मुनिपुंगवश्री ने सर्वप्रथम सन 1991 में ललितपुर वर्षायोग के समय दशलक्षण पर्व को दस दिवसीय शिविर का रूप देकर श्रावकों को ऐसा संस्कारित किया कि आधुनिक भौतिकता की तरफ दौड़ने वाला युवा वर्ग पुन: धर्म को अपने जीवन का अंग मानने लगा। तब से अब तक निरंतर यह शिविर 30 वर्ष पूर्ण करता हुआ, सारे जगत में धर्मसंस्कारों का शंखनाद कर रहा है।
इस वर्ष 2024 में 31वाँ श्रावक संस्कार शिविर विशाल स्तर पर भाग्योदय तीर्थ, सागर (मध्यप्रदेश) में आयोजित होने जा रहा है, जो अपना इतिहास स्वर्णांकित करेगा। आप भी इस अनुकरणीय संस्कार शिविर में प्रवेश लेकर अपना जीवन धन्य करें। इस परम धार्मिक अनुष्ठान में आपकी गरिमामय उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है। इस दस दिवसीय ज्ञानगंगा में अवगाहन कर पुण्यार्जन कीजिये।
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